A famous saying in Sanskrit from old time defines the frame work for parents about their behavior with children.
लालयेत् पंच वर्षाणि दश वर्षाणि ताडयेत्।
प्राप्ते षोडशे वर्षे पुत्रे मित्रवदाचरेत्॥
Lālayēt pan̄ca varṣāṇi daśa varṣāṇi tāḍayēt.
Prāptē ṣōḍaśē varṣē putrē mitravadācarēt.
अर्थ- पाँच वर्ष की अवस्था तक पुत्र को लाड़ करना चाहिए, दस वर्ष की अवस्था तक (उसी की भलाई के लिए) उसे अनुशासन देना चाहिए और उसके सोलह वर्ष की अवस्था प्राप्त कर लेने पर उससे मित्रवत व्यहार करना चाहिए.
Love your kids first five years. Discipline them next 10 years (5-15). As they reach 16, treat them as your friends.